कोरगज्जा स्वामी के प्रकोप से मरा मुस्लिम युवक नवाज़ तो डरकर रहीम औऱ तौफीक पहुंचे भगवान की शरण में, किया आत्मसमर्पण


आये दिन हम सुनते और देखते रहते हैं कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग देश में जगह-जगह हिंदुओं के धार्मिक स्थलों को अपवित्र करते रहते हैं। इनका मकसद सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाना होता। हिन्दू मंदिरों में जाकर मूर्तियों को खंडित करने से लेकर मंदिरो में पेशाब करने तक कि घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि दूसरे देशों, जैसे कि पाकिस्तान, बांग्लादेश औऱ अफगानिस्तान से भी ऐसी खबरें हम आये दिन सुनते रहे हैं। ऐसी ही एक घटना कर्नाटक के मंगलौर से सामने आई है, लेकिन उसके बाद जो हुआ वो निश्चित ही हैरान करने वाला है।

क्या है पूरा मामला?

कुछ दिन पहले कर्नाटक के मंगलोर में स्थित कोरगज्जा मन्दिर (Koragajja Swami) में पुजारियों को मंदिर की दान पेटी में एक कंडोम मिलने से हड़कम्प मच गया। कंडोम में मूत्र डाल कर तीन मुसलमान युवकों नवाज़, अब्दुल रहीम और तौफीक द्वारा मन्दिर की दान पेटी में डाला गया था। उक्त घटना सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन ज़बरदस्त रोष था और उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की और गुनहगारों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की मगर पुलिस भी इनको पक़डने में नाकामयाब रही क्योंकि किसी ने भी इनको दान पेटी में ऐसा कुछ डालते हुए नहीं देखा था।

फिर कैसे आये गुनहगार पकड़ में?
जैसा कि हमने बताया कि पुलिस भी आरोपियों को नहीं ढूंढ पाई मग़र इस कृत्य को अंजाम देने के ही दिनों के बाद नवाज़ (32) की तबियत अचानक खराब होने लगी, उसे खून की उल्टियां आने लगी और पेचिश भी हो गया, और वो लगातार रोते जा रहा था। इतना ही नहीं उसकी दिमागी हालत भी खराब होने लगी और वो वह अजीब हरकतें करने लग गया। कुछ दिनों में उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि वो अपना सर दीवारों में पतखने लगा, और फिर वो अपने घर में ही दीवारों में सर पटक-पटक कर मर गया। मरने से पहले उसने अब्दुल रहीम और तौफीक से कहा था कि अपनी जिंदगी चाहते हो तो मन्दिर में जाकर माफी मांगो। नवाज़ के मरने के बाद इन दोनों की तबीयत भी खराब होने लगी और अब्दुल रहीम को भी खून की उल्टी होने लगी। ये देखकर ये दोनों बहुत डर गए और इनको समझ में आ चुका था की अब मंदिर में जाकर माफ़ी मांगने के इलावा अपनी जान बचाने का और कोई रास्ता नहीं है। फ़िर क्या था, बिना समय गंवाए दोनों कोरगज्जा देवस्थान (Korgajja Devsthana) मंदिर पहुंचे और पुजारी जी के चरण छूकर कहा के हमारी जान बचा लीजिए और कहा के कुछ दिन पहले इस मंदिर में जो घटिया हरकत हुई थी, वो हम तीनों ने ही की थी।

हमारा एक साथी नवाज़ मर चुका है और दूसरा मरने की स्थिति में पहुंच गया है। पहले तो पुजारी जी को यकीन नहीं हुआ मग़र विश्वास दिलाने के बाद उनको यकीन ही गया। इसके बाद पुजारी जी ने पुलिस को फ़ोन करके मामले की जानकारी दी, ओर इन दोनों ने पुलिस के आगे अपना आत्मसमर्पण कर दिया। अपराधियों ने ये भी बताया कि नवाज़ जिसने मुख्य रुप से कंडोम को दान पेटी में डाला था वो दो साल पहले ही दुबई से लौटा था और वो काला जादू भी जानता था। कोरगज्जा स्वामी की शक्ति को चुनौती देने के लिए उसने हमारे साथ मिलकर इस निंदनीय घटना को अंजाम दिया था।


कौन हैं कोरगज्जा स्वामी?

स्थानीय निवासियों के अनुसार Koragajja Swami जी को भगवान शिव का क्रोधित अवतार माना जाता है। लोगों का कहना है कि कोरगज्जा स्वामी जी को बहुत जल्दी ही न्याय करने के लिए भी जाना जाता है, औऱ उक्त घटना ने निसंदेह ही ये साबित भी कर दिया है, जब पुलिस न्याय नहीं कर पाई तो स्वयं स्वामी कोरगज्जा ने ऐसी लीला रची की एक अपराधी तो सर पटक-पटक कर मर गया और बाकी दो खुद चलकर रोते गिड़गड़ाते हुए अपनी जान की भीख मांगते मन्दिर पहुंचे। कोरगज्जा स्वामी जी में मंगलोर वासियों की गहरी आस्था है, औऱ ये आस्था क्यों है, इस घटना से बड़ा सुबूत कोई नहीं सकता।

क्या कहना है पुलिस का?

जैसा की आप जान गए होंगे कि तौफीक और अब्दुल रहमान ने खुद अपने गुनाहों को कबूल किया है और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी कर चुके हैं। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A (धर्मिक स्थल पर हमला करने) के तहत केस भी दर्ज कर लिया है। आरोपी बार-बार अपने गुनाहों का कबूलनामा कर रहे हैं लेकिन आप जानकर हैरान हो जांयेंगे के पुलिस अब भी CCTV फुटेज खंगालने में लगी हुई है।

पुलिस कमिश्नर शशि कुमार का कहना है कि कोरगज्जा स्वामी देवस्थान की घटना पर आरोपियों का कबूलनामा कानूनी तौर पर मान्य नहीं है। उनका कहना है CCTV फुटेज के ना होने और घटना की तारीख की सही जानकारी ना होने के कारण ये केस कमज़ोर स्थिति में। आरोपियों के कबूलनामे से बड़ा और क्या सुबूत चाहिए, ये बात समझ से परे है।


कुछ दिन पहले गाज़ियाबाद के डासना मन्दिर की घटना बहुत चर्चा में थी जहां आसिफ नाम के एक लड़के को पीटा गया था क्यूंकि आसिफ ने मंदिर में घुस कर पेशाब करके मंदिर को अपवित्र किया था। इसके बाद ये ट्रेंड चलाया गया कि मंदिर में पानी पीने गए लकड़े को इसलिए पीटा गया क्योंकि वो मुस्लिम था। तलाम बुद्धिजीवी, डिज़ाइनर पत्रकार और तथाकथित लिबरल गैंग हाय-तौबा मचा रहे थे, ट्विटर पर Sorry Asif का हैशटैग चल रहा था। मगर ये सारी गैंग इस घटना पर मौन साधे हुए हैं।


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